The speech I delivered during my High School Days on World Environment Day.
विषय कि विशदता एवं समय कि अल्पता ने निश्चयेन मेरे समक्ष दुविधा उत्पन्न कर दी है कि किन बिन्दुओं को अपने अभिभाषण में प्राथमिकता दूँ तथा किन्हें अपेक्षतया गौण स्थान प्रदान करूँ ? फिर भी यथायोग्य मेरा प्रयास है कि विज्ञान एवं प्रोधोगिकी कि वर्तमान दशा एवं दिशा के आधार पर आनेवाली शताब्दी में उसकी रूपरेखा का यथार्थ आकलन कर सकूँ |
प्रकृति द्वारा मानव-समाज को प्रदत अविरल चुनौतियों तथा मानव की प्रभूत निष्ठा रही है – वैज्ञानिक उपलब्धियां ।
जीवन के आरम्भ से ही प्रकृति अपनी मायावी क्रीडा से मानव का पोषण तथा संहार दोनों ही करती रही है | लेकिन मानव ने जय-पराजय से ऊपर उठकर प्रकृति को वशीभूत करने का अथक प्रयास किया है | इसमें उसे आंशिक सफलता भी मिली है | इस क्रम में मानव अनेक उपलब्धियों को हस्तगत कर नयी चुनौतियों के समाधान के लिए सन्नद्ध हो, २१ वीं शताब्दी का सहर्ष अभिनन्दन कर रहा है |
अन्तरिक्ष के क्षेत्र में मानव जहाँ एक तरफ विभिन्न ग्रहों, उपग्रहों पे जीवन के संकेत धुन्धने में लगा है तथा उस पर मानव निवास की संभावना का अन्वेषण कर रहा है | वैज्ञानिक अविष्कारों ने संपूर्ण विश्व को सिमटाकर एक गाँव के सदृश कर दिया है | जिससे विश्वव्यापी गाँव की अवधारणा साकार हो रही है | नयी शताब्दी में इस क्षेत्र में और अधिक सफलता की प्रबल संभावना दृष्ठिगोचर हो रही है |
विज्ञानं एक तरफ जहाँ ब्रह्माण्ड के रहस्य भेदने में लगा है, वहीँ दूसरी ओर सुक्ष्मतिसुक्ष्मा पदार्थों के विश्लेषण का भी सामान प्रयास कर रहा है | नावोद्घटित तथ्यों से ये सर्वथा स्पष्ट है कि पिंड का रहस्य ब्रह्माण्ड के रहस्य से रंचमात्र भी ऋजु नहीं है | इस सन्दर्भ में यह उक्ति “यथा पिंडे तथा ब्रह्मांडे” अक्षरशः चरितार्थ हो रही है |
कंप्यूटर के अविष्कार ने जीवन के समग्र क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन दिखलायें हैं | आनेवाली सदी जिसे ‘कंप्यूटर सदी’ से अभिहित करना अवान्क्ष्नीय नहीं होगा ; में कंप्यूटर मानव-मस्तिष्क का सर्वथा विकल्प बनाने का यथेस्ट प्रयास करेगा |
उर्जा के परंपरागत स्त्रोत के सिमित भंडार को दृष्टिगत करते हुए गैर परंपरागत स्त्रोत से उर्जा उत्पादन पर विशेष बल दिए जाने के स्पष्ट संकेत हैं | इसमें सौर्य उर्जा एवं नाभकीय विखंडन से प्राप्त होने वाली उर्जा का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा |
चिकित्सा के क्षेत्र में वैज्ञानिकों के अहर्निश प्रयास से अबतक असाध्य समझे जाने वाले रोगों के निदान कि आशा बंधने लगी है | भावी सदी में मानव इनपर विजय प्राप्त करने में सफल होगा – ऐसा विश्वास है |
क्लोनिंग विधि से जीवों की उत्पत्ति ने नयी सदी के लिए अनेक सारी संभावनाओ के द्वार खोल दिए हैं | इनसे मनोवांछित ‘जीनों’ के प्रत्यारोपण एवं हानिकर जीनों के उन्मूलन में अद्भुत सफलता मिलेगी | निश्चयेन इस विधि के अन्वेषण से मानव सृष्टिकर्ता के अस्तित्व पर प्रश्नचिंह लगता प्रतीत हो रहा है | वह चतुर्दिक चमत्कार की आशा के साथ नयी सदी में प्रवेश के लिए उद्धत है |
दूसरी ओर यह भी ध्यातव्य है कि क्या चुनौतियों को स्वीकार कर निरंतर वर्धमान मानव कि तथाकथित संपूर्ण प्रगति को रचनात्मक दृष्टिकोण से सकारात्मक होने कि संज्ञा दी जा सकती है ? निश्चयेन नहीं मनुष्य में कतिपय ऐसे अविचारित कार्य कर डालें हैं जिसने उसी के असितत्व पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है |
अंध वैज्ञानिक विकास के कारण प्रदुषण का दैत्य समग्र जिवसत्ता को निगलने के लिए आतुर हो रहा है | आधुनिकतम शहरो में इतना वायु प्रदुषण हो गया है कि सांस लेना एक समस्या तक बन गयी है | अतएव यत्र-तत्र ऑक्सीजन बार’ कि स्थापना हो रही है | स्पष्टतया यह मानव की प्रगति नहीं वरन उसके अविवेकपूर्ण कार्यों का परिचायक है | ग्रीन हाउस प्रभाव से , ओजोन परत में छिद्र से , भू-संरचना में किये जा रहे परिवर्तन से निःसंदेह जीवन एक समस्या बनाने की ओर बढ़ रहा है | नयी सदी भौतिक विकासजनित समस्या पर मंथन का काल रहेगा – ऐसे संकेत मिलने आरम्भ हो गए हैं | कतिपय प्रजातियों के विलोपीकरण अर्थात जैव विविधता के संकुचन पर विज्ञान – जगत की सक्रियता इस सन्दर्भ में उल्लेखनीय है |
अंत में मै इसी कामना के साथ अपना अभिभाषण समाप्त करना चाहता हूँ कि २१ वीं सदी के वैज्ञानिक विकास का आदर्श हो –
“सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥”